
मैं कई ऐसे करोड़पतियों को जानता हूँ, जो ख़ुद को दिवालिया महसूस करते हैं, जिन्हें लगता है कि उनके पास कुछ भी नहीं है। इसका कारण यह है कि वे लगातार अपनी तुलना किसी और से करते रहते हैं, किसी ऐसे व्यक्ति से जिसके पास उनसे अधिक पैसा है।

एक नकारात्मक गुण का उदाहरण है आत्मसंतोष।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere