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फाग समय रसलीन बिचारि

phag samay raslin bichari

रसलीन

अन्य

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रसलीन

फाग समय रसलीन बिचारि

रसलीन

और अधिकरसलीन

    फाग समय रसलीन बिचारि लला पिचकी तिय आवत लीनें।

    आइ जबै दिढ़ ह्वै निकसी तब औचक चोट उरोजन कीनें।

    लागत धाप दोऊ कुच में सतराइ चितै उन बाल नवीनें।

    झटका दै तोर चटाक दै माल छटाक दै लाल के गाल में दीनें॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : हिंदी काव्य गंगा, प्रथम भाग (पृष्ठ 267)
    • संपादक : सुधाकर पांडेय
    • रचनाकार : रसलीन
    • प्रकाशन : नागरीप्रचारिणी सभा, वाराणसी

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