रसलीन के सवैया
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1689 - 1750 | बिलग्राम, उत्तर प्रदेश
रीतिबद्ध कवि। दोहों में चमत्कार और उक्ति-वैचित्र्य के लिए स्मरणीय।
रीतिबद्ध कवि। दोहों में चमत्कार और उक्ति-वैचित्र्य के लिए स्मरणीय।