रसलीन के सवैया
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1689 - 1750 | बिलग्राम, उत्तर प्रदेश
रीतिबद्ध कवि। दोहों में चमत्कार और उक्ति-वैचित्र्य के लिए स्मरणीय।
रीतिबद्ध कवि। दोहों में चमत्कार और उक्ति-वैचित्र्य के लिए स्मरणीय।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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