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अतोला तेरी कर न सके कोइ तोल

atola teri kar na sake koi tol

संत शिवदयाल सिंह

अन्य

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संत शिवदयाल सिंह

अतोला तेरी कर न सके कोइ तोल

संत शिवदयाल सिंह

और अधिकसंत शिवदयाल सिंह

    अतोला तेरी कर सके कोइ तोल।

    जिन पर मेहर मिले सतगुरु से, सतसंग में उन बनिया डौल॥

    उमंग सहित लागे अब घट में, सुनत रहे नित अनहद बोल।

    सुन-सुन धुन सुत चढ़त अधर में, काल करम का छूटा हौल॥

    चढ़-चढ़ पहुँची सत्तलोक में, दूर हुए सब माया खोल।

    राधास्वामी दरस मेहर से मिलिया, पाय गई पद अगम अडोल॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्रेमप्रकाश (पृष्ठ 2)
    • रचनाकार : राधास्वामी सहाय
    • प्रकाशन : राधास्वामी सत्संग इलाहाबाद

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