संत शिवदयाल सिंह के सबद
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1818 - 1878 | आगरा, उत्तर प्रदेश
'राधास्वामी सत्संग' के प्रवर्तक। सरस और हृदयग्राह्य वाणियों के लिए प्रसिद्ध।
'राधास्वामी सत्संग' के प्रवर्तक। सरस और हृदयग्राह्य वाणियों के लिए प्रसिद्ध।