अलेक्सांद्र पूश्किन की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1799 - 1837 | मास्को
आधुनिक रूसी साहित्य के प्रणेता के रूप में समादृत कवि, नाटककार और उपन्यासकार।
आधुनिक रूसी साहित्य के प्रणेता के रूप में समादृत कवि, नाटककार और उपन्यासकार।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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