अलेक्सांद्र पूश्किन की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1799 - 1837 | मास्को
आधुनिक रूसी साहित्य के प्रणेता के रूप में समादृत कवि, नाटककार और उपन्यासकार।
आधुनिक रूसी साहित्य के प्रणेता के रूप में समादृत कवि, नाटककार और उपन्यासकार।