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किसी दिन पत्थरों की सभा होगी

kisi din patthron ki sabha hogi

महेश आलोक

अन्य

अन्य

महेश आलोक

किसी दिन पत्थरों की सभा होगी

महेश आलोक

और अधिकमहेश आलोक

    किसी दिन पत्थरों की सभा होगी

    और वे किसी भी पूजा-घर में

    बैठने से इंकार कर देंगे

    वे उठेंगे और प्राण-प्रतिष्ठा के तमाम मंत्र

    भाग जाएँगे कंदराओं में

    वह पूरा दृश्य देखने लायक़ होगा

    जबकि मंत्रों के चीख़ने-चिल्लाने या कि

    मित्र मंत्रों के घातक प्रयोगों की धमकी का असर

    उन पर नहीं होगा

    वे अपनी सरकार से माँग करेंगे कि उस दिन को

    राष्ट्रीय पर्व घोषित किया जाए

    वे दुनिया भर की मूर्तियों को पत्र लिखेंगे

    कि अगर सुरक्षित रहना है तो लौट जाएँ

    कलाकारों के आदिम मन में

    और वह हमारे लिए कितना शर्मनाक दिन होगा जब

    मलबे से तमाम पत्थर जुलूस की तरह निकलेंगे

    और बरस पड़ेंगे ईश्वर पर

    स्रोत :
    • रचनाकार : महेश आलोक
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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