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मन के तन्हा कमरे में

man ke tanha kamre mein

अनुवाद : खड़कराज गिरी

वीरभद्र कार्कीढोली

वीरभद्र कार्कीढोली

मन के तन्हा कमरे में

वीरभद्र कार्कीढोली

मन के तन्हा कमरे में

कमरे में, कमरे में....

कभी कभार मैं अपने को

अपने आगे रखकर

पढ़ता रहता हूँ, पढ़ता रहता हूँ

तन्हा, तन्हा

मन के तन्हा कमरे में

अपनी ही ज़िंदगी की

लघु-कथाओं को।

मन के तन्हा कमरे में

मन के इस कमरे में।

स्रोत :
  • पुस्तक : इस शहर में तुम्हें याद कर (पृष्ठ 89)
  • रचनाकार : वीरभद्र कार्कीढोली
  • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
  • संस्करण : 2016
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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