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ग़ालिब के बाँदा आने पर

ghalib ke banda aane par

केशव तिवारी

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केशव तिवारी

ग़ालिब के बाँदा आने पर

केशव तिवारी

और अधिककेशव तिवारी

     

    इस शहर में आया था
    दिल्ली से रेख़्ता का
    एक बड़ा शाइर
    फटेहाल परेशान

    यूँ तो उसके एक-एक शे'र पर
    फ़िदा थी दिल्ली
    पर उसके हाल से बेफ़िक्र
    ये कुछ कम पढ़ा-लिखा शहर
    हो सकता है उतनी शिद्दत से
    न समझता रहा हो
    उसके शे'रों का मतलब
    पर ये उसके दर्द को समझता था।
    इसलिए नहीं कि कल तारीख़ में
    दर्ज होगा उसका नाम
    कोई कवि
    कभी इस पर कविता लिखेगा
    इसी धरती पर आए थे कभी रहीम
    दिल्ली से ही देश निकाला पाए
    यह धरती दिल्ली से निकाले गए
    शाइरों और कवियों की आस्ता रही है
    दिल्ली के दर्प को
    कभी नहीं क़बूला इसने
    शायद यहीं पर दिल्ली की ओर देखकर
    ग़ालिब ने कहा हो वो शे'र

    इब्न-ए-मरियम हुआ करे कोई 
    मेरे दुख की दवा करे कोई 

    स्रोत :
    • रचनाकार : केशव तिवारी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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