केशव तिवारी की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1963 | प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश
नवें दशक के महत्त्वपूर्ण कवि। लोक-संवेदना और जन-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। जनवादी लेखक संघ से संबद्ध।
नवें दशक के महत्त्वपूर्ण कवि। लोक-संवेदना और जन-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। जनवादी लेखक संघ से संबद्ध।