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विलियम हेज़लिट

1778 - 1830

समादृत अँग्रेज़ी आलोचक, कला-समीक्षक, निबंधकार, चित्रकार, सामाजिक टिप्पणीकार और दार्शनिक।

समादृत अँग्रेज़ी आलोचक, कला-समीक्षक, निबंधकार, चित्रकार, सामाजिक टिप्पणीकार और दार्शनिक।

विलियम हेज़लिट के उद्धरण

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अभिनेता ही ईमानदार ढोंगी होते हैं। उनका जीवन एक संकल्पित स्वप्न है और उनकी आकांक्षाओं की चरम परिणति है स्वयं के अतिरिक्त कुछ होना। वे दूसरे मनुष्यों के भाग्यों की पोशाकें पहनते हैं। उनके अपने विचार भी अपने नहीं होते।

संसार में संभव सभी अनुमानों और वर्णनों से किसी सड़क के प्राप्त होने वाले ज्ञान की तुलना में तुम्हें उस पर यात्रा करने से उस सड़क का अधिक ज्ञान प्राप्त होगा।

व्यवहार में लाए जाने पर महान विचार ही महान कर्म बन जाते हैं।

चिढ़ाने का नाम वह भारी से भारी पत्थर है जो शैतान किसी व्यक्ति पर फेंक सकता है।

कला का कला की तरह सम्मान करो।

नियम और नमूने प्रतिभा कला का नाश करते हैं।

खिलाड़ी को केवल खिलाड़ी से ईर्ष्या होती है, कवि को केवल कवि से ईर्ष्या होती है।

हम सभी कम या अधिक अभिमतों के दास हैं।

प्रतिभाशाली व्यक्ति किसी कार्य में इसलिए उत्कृष्ट नहीं होते कि वे उसमें परिश्रम करते हैं। अपितु वे उसमें परिश्रम करते हैं क्योंकि वे उसमें उत्कृष्ट होते हैं।

अल्प बौद्धिक क्षमता के लोग प्रतियोगिता के भय से आक्रांत रहते हैं जैसे बौने सड़क पर कुचले जाने के भय से।

दूसरों को प्रसन्न रखने की कला स्वयं प्रसन्न होने में सौम्य होने का अर्थ है स्वयं से दूसरों से संतुष्ट होना।

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चिढ़ाने का नाम सभी भाषाओं में सबसे संक्षिप्त है और सब तर्कों में सबसे अधिक अकाट्य है।

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