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अल्बैर कामू

1913 - 1960 | द्रेआ

समादृत फ्रेंच दार्शनिक और लेखक। विसंगतिवाद में योगदान। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत फ्रेंच दार्शनिक और लेखक। विसंगतिवाद में योगदान। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

अल्बैर कामू के उद्धरण

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जीवन के प्रति निराशा के बिना जीवन के प्रति प्रेम संभव नहीं है।

एक लेखक का उद्देश्य सभ्यता को स्वयं को नष्ट करने से रोकना है।

लेकिन अंत में, जीने के लिए आत्महत्या करने से अधिक साहस चाहिए।

भविष्य के प्रति असली उदारता वर्तमान को पूरी तरह से समर्पित करने में है।

ख़ुश रहने के लिए, हमें दूसरों के बारे में अधिक चिंतित नहीं होना चाहिए।

जिसे जीने का कारण कहा जाता है, वह मरने का एक उत्कृष्ट कारण भी है।

आप कभी भी ख़ुश नहीं रह सकते यदि आप यह खोजते रहेंगे कि ख़ुशी क्या है। आप कभी जी नहीं सकते यदि आप जीवन का अर्थ ढूँढ़ते रहेंगे।

आप जानते हैं कि असली आकर्षण क्या है: बिना कोई स्पष्ट प्रश्न पूछे हाँ में उत्तर पाने का तरीका।

एक अस्वतंत्र दुनिया से निपटने का एकमात्र तरीक़ा यह है कि इस तरह पूरी तरह से स्वतंत्र हो जाओ कि तुम्हारा अस्तित्व ही विद्रोह बन जाए।

हम सब अपने भीतर निर्वासन, अपराध और विनाश के स्थान लिए हुए हैं। हमारा कार्य इन्हें दुनिया पर थोपना नहीं है, बल्कि इन्हें अपने और दूसरों में परिवर्तित करना है।

सोचने की आदत डालने से पहले हम जीने की आदत डाल लेते हैं।

स्वतंत्रता और कुछ भी नहीं केवल बेहतर होने का एक अवसर है।

दुनिया को समझने के लिए, कभी-कभी उससे दूर होना पड़ता है।

जो सत्य है उसे खोजना, वह खोजना नहीं है जो वांछनीय है।

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कोई यह नहीं समझता कि कुछ लोग सामान्य होने के लिए भी असाधारण ऊर्जा ख़र्च करते हैं।

धन्य हैं वे ह्रदय जो मुड़ सकते हैं; वे कभी टूटेंगे नहीं।

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सच्चाई यह है कि हर कोई ऊब चुका है और ख़ुद को नई आदतें विकसित करने में व्यस्त रखता है।

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आँसुओं की सीमा तक जीओ।

हम सभी पागल पैदा होते हैं और हम में से कुछ हमेशा ऐसे ही बने रहते हैं।

अंतिम निर्णय के लिए प्रतीक्षा मत करो। यह हर दिन आता है।

कल्पना वह झूठ है जिसके माध्यम से हम सच्चाई बताते हैं।

मनुष्य हमेशा अपनी सच्चाइयों का शिकार होता है। एक बार जब वह उन्हें स्वीकार कर लेता है, तो वह उनसे ख़ुद को मुक्त नहीं कर पाता।

जो कुछ भी सुन्दर है, उसके केंद्र में कुछ अमानवीय है।

पहला सत्य, बेतुकापन और मौलिक विचार है।

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