नदी पर बेला

नदियों और मानव का आदिम

संबंध रहा है। वस्तुतः सभ्यता-संस्कृति का आरंभिक विकास ही नदी-घाटियों में हुआ। नदियों की स्तुति में ऋचाएँ लिखी गईं। यहाँ प्रस्तुत चयन में उन कविताओं को शामिल किया गया है, जिनमें नदी की उपस्थिति और स्मृति संभव हुई है।

24 मार्च 2025

नदी, लोग और कविताएँ

नदी, लोग और कविताएँ

दिन के बाद दिन आते गए और रात के बाद रात। सारा जीवन इकसार और नीरस-सा लगने लगा। इस दुख को हँसकर टालने के अलावा दूसरा कोई रास्ता भी न था। रात के अकेलेपन को काटने के लिए फ़ोन की स्क्रीन को बेहिसाब स्क्रॉ

11 फरवरी 2025

अजातशत्रु : आस्था के आगे मौत क्या चीज़ है!

अजातशत्रु : आस्था के आगे मौत क्या चीज़ है!

भारत रंग महोत्सव में के. के. रैना द्वारा निर्देशित और इला अरूण द्वारा अनूदित नाटक ‘अजातशत्रु’ की बेहतरीन प्रस्तुति हुई। यह नाटक का प्रभाव था या फिर के. के. रैना और इला अरूण के नाम का प्रभाव; प्रेक्षा

07 दिसम्बर 2024

सौंदर्य की नदी नर्मदा : नर्मदा के वनवास से अज्ञातवास की पूरी कहानी

सौंदर्य की नदी नर्मदा : नर्मदा के वनवास से अज्ञातवास की पूरी कहानी

“सौंदर्य उसका, भूल-चूक मेरी!” शुरुआती पन्नों में ही यह पंक्ति लिखकर लेखक अपनी मंशा बिल्कुल साफ़ कर देते हैं। सारे ग्रह से लेकर परमाणु तक सब अपनी-अपनी कक्षा में परिक्रमा कर रहे हैं और इसी तरह प्रत्येक

08 अक्तूबर 2024

एन एनकाउंटर रेज़ीडेंसी : बनारस के इतिहास, किंवदंती और ज्ञान की खोज

एन एनकाउंटर रेज़ीडेंसी : बनारस के इतिहास, किंवदंती और ज्ञान की खोज

किसी शहर को जानने के लिए उसको आत्मसात करना आवश्यक है, लेकिन कुछ शहर आपसे आपकी आत्मा को ही माँगते हैं—कहने का मतलब है ख़ुद को आत्मर्पित करना। बनारस जो इतिहास और किंवदंतियों का संगम है। इस शहर को समझने