चाँदनी पर निबंध

चाँदनी चाँद की रोशनी

है जो उसके रूप-अर्थ का विस्तार करती हुई काव्य-अभिव्यक्ति में उतरती रही है।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere