सुशीला टाकभौरे की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1954 | होशंगाबाद, मध्य प्रदेश
सुपरिचित कवयित्री-कथाकार और नाटककार। दलित-संवेदना और स्त्री-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।
सुपरिचित कवयित्री-कथाकार और नाटककार। दलित-संवेदना और स्त्री-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।