श्री अरविंद की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1872 - 1950 | कोलकाता, पश्चिम बंगाल
समादृत कवि-लेखक-संपादक, महर्षि-योगी-दार्शनिक और क्रांतिकारी। अँग्रेज़ी, हिंदी और बांग्ला में लेखन।
समादृत कवि-लेखक-संपादक, महर्षि-योगी-दार्शनिक और क्रांतिकारी। अँग्रेज़ी, हिंदी और बांग्ला में लेखन।