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शंभुनाथ मिश्र

भगवंतराय खीची के दरबारी कवि। शृंगार की अपेक्षा आश्रयदाता के वर्णन पर ही अधिक ज़ोर। 'रसकल्लोल' नामक रीतिग्रंथ चर्चित।

भगवंतराय खीची के दरबारी कवि। शृंगार की अपेक्षा आश्रयदाता के वर्णन पर ही अधिक ज़ोर। 'रसकल्लोल' नामक रीतिग्रंथ चर्चित।

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