प्रेमशंकर शुक्ल की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1967 | रीवा, मध्य प्रदेश
नवें दशक में सामने आए हिंदी कवि। ‘पूर्वग्रह’ पत्रिका के संपादक।
नवें दशक में सामने आए हिंदी कवि। ‘पूर्वग्रह’ पत्रिका के संपादक।