परमानंद श्रीवास्तव की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1935 | गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
सुपरिचित आलोचक। ‘आलोचना’ पत्रिका के संपादक भी रहे।
सुपरिचित आलोचक। ‘आलोचना’ पत्रिका के संपादक भी रहे।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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