पंखुरी सिन्हा की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1975 | मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार
इस सदी में सामने आईं हिंदी कथाकार। समय-समय पर काव्य-लेखन भी।
इस सदी में सामने आईं हिंदी कथाकार। समय-समय पर काव्य-लेखन भी।