निकोलाय ज़बोलोत्स्की की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1903 - 1958 | कज़ान
सुपरिचित रूसी कवि और अनुवादक। अवाँ-गार्द आंदोलन से संबद्ध।
सुपरिचित रूसी कवि और अनुवादक। अवाँ-गार्द आंदोलन से संबद्ध।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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