लमाबम कमल सिंह की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1899 - 1935 | मणिपुर
मणिपुरी भाषा के समादृत कवि-लेखक। आधुनिक मणिपुरी साहित्य के सृजन में योगदान के लिए उल्लेखनीय।
मणिपुरी भाषा के समादृत कवि-लेखक। आधुनिक मणिपुरी साहित्य के सृजन में योगदान के लिए उल्लेखनीय।