Font by Mehr Nastaliq Web

नंद महोत्सव हो बड़ कीजै

nand mahotsaw ho baD kijai

परमानंद दास

अन्य

अन्य

परमानंद दास

नंद महोत्सव हो बड़ कीजै

परमानंद दास

नंद महोत्सव हो बड़ कीजै।

अपने लाल पर वार न्यौछावर सब काहू को दीजै॥

विप्रन देहु गाय औरे सोनों माटन रूपो दाम।

ब्रज जुबतिन पाटंबर भूखन पूजै मन के काम॥

नाचौ गावो करो बधाई अजनम जनम हरि लीनों।

यह अवतार बाल लीला रस परमानंदहि भीनों॥

स्रोत :
  • पुस्तक : अष्टछाप के कवि : परमानंददास (पृष्ठ 70)
  • संपादक : हरगुलाल
  • रचनाकार : परमानंददास
  • प्रकाशन : प्रकाशन विभाग सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार
  • संस्करण : 2008

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY