Font by Mehr Nastaliq Web

एक शब्द ऐसा है

ek shabd aisa hai

अनुवाद : चंद्रबली सिंह

एमिली डिकिन्सन

अन्य

अन्य

एमिली डिकिन्सन

एक शब्द ऐसा है

एमिली डिकिन्सन

 

एक शब्द ऐसा है
जो खड्ग वहन करता है
कवचधारी को भेद सकता है—
अपने कँटीले शब्दों का प्रक्षेपण करता है
और फिर मूक हो जाता है—
लेकिन वह जहाँ गिरा
वे जो बचे रहे
राष्ट्रीय दिवस पर बताएँगे
किसी स्कंधिकाधारी बंधु ने
अपने प्राण गँवाए।

जहाँ भी हाँफता सूरज दौड़ता है—
जहाँ भी दिन चहल-क़दमी करता है—
वहाँ इसका नीरव प्रारंभ होता है—
वहाँ उसकी विजय होती है।
सबसे उत्साही लक्ष्य-साधक का अवलोकन करो!
दक्षतम निशानेबाज़!
दिव्यतम लक्ष्य है समय का—
एक विस्मृत आत्मा!

    
स्रोत :
  • पुस्तक : एमिली डिकिन्सन की कविताएँ : संचयन (पृष्ठ 17)
  • रचनाकार : एमिली डिकिन्सन
  • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली
  • संस्करण : 2011

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY