मेरे लिए कोई कभी नहीं रोया

mere liye koi kabhi nahin roya

बेबी शॉ

बेबी शॉ

मेरे लिए कोई कभी नहीं रोया

बेबी शॉ

मेरे जन्म लेने के समय

एक गंभीर साँस फैल गई थी—

हमारे मध्यवित्त संसार में

बच्चे का रुदन सुनकर

ख़ुश होने का यत्न करता

करता संसार

समझ गया—

कन्या संतान आई

शर्म से झुक जाने वाली

माँ मेरी

और नानी

आँसू छिपाने की कोशिश करती हुईं

बेसँभाल हो गई थीं

मेरी दादी मुँह मोड़कर बोल उठी : न्याका

मेरे लिए कोई नहीं रोया कभी

मेरी किशोरी माँ ने

मुझे सिखाया—

रोना है तो छिपकर

ताकि कोई जान पाए

मैं भी

तब से

ख़ुद को

इस संसार की

अतिथि समझकर

दूसरे घरों का

सपना देखती हुई

ख़ुद के लिए

आँसू बहाना भूल गई

मैं जान चुकी थी :

मेरे आँसू संसार को नष्ट कर देंगे

मैं समझ गई थी :

मैं और मेरा भाई एक नहीं हैं

मुझे पता चल गया था :

मेरी इच्छाएँ ग़लती हैं

मैं भी मेरे भाई की भाँति रोना चाहती थी

मैं भी अपने रोने की आवाज़ सुनना चाहती थी

मैं भी चाहती थी :

मेरी पीड़ा का अनुवाद करना

मेरी कष्ट को थोड़ा हल्का करना

मेरी चाहत को सबके सामने लाना

मैंने अपनी माँ की ओर देखा

मैंने अपनी दादी की ओर देखा

मैं अपनी चाची, बुआ और बड़ी बहनों की ओर देखती थी

सबकी आँखें सूखी

और सूखी

और सूखी...

मैंने चुप रहना सीख लिया

मैंने दुनिया से कुछ भी चाहना सीख लिया

मैंने दिखावा करना सीख लिया

मैं एक अजनबी की तरह ख़ुद को भूल गई

मैं अपने लिए रोना भूल गई

कोई भी मेरे लिए रोना भूल गया...

स्रोत :
  • रचनाकार : बेबी शॉ
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

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‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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