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आँसू

ansu

अनुवाद : देवेश पथ सारिया

दुन्या मिखाइल

अन्य

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और अधिकदुन्या मिखाइल

     

    मैं एक दुकान में काम करती हूँ
    यहाँ बेचे जाते हैं आँसू
    अलग-अलग आकृति और आकार की बोतलों में

    बड़ी भीड़ रहती है यहाँ
    रुमालों के लिए कोई फ़ुर्सत नहीं

    सबसे आगे क़तार में है वह औरत
    जो हर रोज़ आती है
    रंगहीन इन बूँदों को ख़रीदने
    अपने लिए या किसी और के लिए?

    अगला है एक अन्य ग्राहक
    एक बार सोचा था उसने
    कि वह इस मुल्क को कभी नहीं छोड़ेगा
    भले पर्वत अपनी जगह से उखड़ जाएँ
    तब भी नहीं

    फिर आता है एक बच्चा
    अपनी दादी के साथ
    वे बाढ़ से बच निकले हैं—
    हालाँकि वाक़ई में ऐसा नहीं है

    क़तार में सबसे अंत में खड़ी औरत
    अपनी बोतल वापस करना चाहती है
    उसका कहना है कि
    उसने उसे खोला ही नहीं
    उसने सोचा कि
    उसे ज़रूरत होगी आँसुओं की
    जब उसके दोस्त उसे छोड़ गए थे
    लेकिन वह चक्कर लगाती रही
    पार्किंग के दो ठिकानों के

    सूरज जा चुका है
    दुनिया के दूसरे हिस्से में
    अब घर जाने का वक़्त है
    हम सबके आँसू सूख चुके हैं।

                   
    स्रोत :
    • रचनाकार : दुन्या मिखाइल
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए अनुवादक द्वारा चयनित

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