Font by Mehr Nastaliq Web

युद्ध के समय का एक गीत

yuddh ke samay ka ek geet

पॉल इल्यार

अन्य

अन्य

पॉल इल्यार

युद्ध के समय का एक गीत

पॉल इल्यार

और अधिकपॉल इल्यार

    धरती का दरवाज़ा

    एक फूल खटखटा रहा है

    माँ की देहरी पर

    एक बच्चा खटखटा रहा है

    बच्चे के साथ-साथ

    जन्म लिया है बादल ने, धूप ने

    फूल के साथ-साथ फूलते-फलते हुए

    मुझे सुनाई देते हैं अट्टहास और तर्क-वितर्क

    उन्होंने दु:ख को माप लिया है

    कितना दु:ख एक बच्चा सह सकता है

    इतनी ग्लानि बिना क़ै किए हुए

    इतने आँसू बिना दम तोड़े हुए

    मेहराबों के नीचे अनजान पगध्वनियाँ—

    काली और भय से परिपूर्ण—

    वे रहे हैं फूलों को उखाड़ फेंकने

    बच्चे को कलंकित करने

    दु:ख से और गहन पीड़ा से

    स्रोत :
    • पुस्तक : देशान्तर (पृष्ठ 303)
    • संपादक : धर्मवीर भारती
    • रचनाकार : पॉल इल्यार
    • प्रकाशन : भारतीय ज्ञानपीठ, काशी
    • संस्करण : 1960

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY