नमक पर यक़ीन ठीक नहीं

namak par yaqin theek nahin

नवीन रांगियाल

नवीन रांगियाल

नमक पर यक़ीन ठीक नहीं

नवीन रांगियाल

निश्चित नहीं है होना

होने का अर्थ ही है

एक दिन नहीं होना

लेकिन तुम बाज़ नहीं आते

अपनी जीने की आदत से

शताब्दियों से इच्छा रही है तुम्हारी

यहाँ बस जाने की

यहीं इसी जगह

इस टेंपररी कंपार्टमेंट में

तुम डिब्बों में घर बसाते हो

मुझे घर भी परमानेंट नहीं लगते

रोटी, दाल, चावल,

चटनी, अचार, पापड़...

इन सब पर भरोसा है तुम्हें

मैं अपनी भूख के सहारे ज़िंदा हूँ

देह में कीड़े नहीं पड़ेंगे

नमक पर इतना यक़ीन ठीक नहीं

तुम्हारे पास शहर पहुँचने की गारंटी है

मैं अगले स्टेशन के लिए भी नाउम्मीद हूँ

तुम अपने ऊपर

सनातन लादकर चल रहे हो

दहेज में मिला चाँदी का गिलास

छोटी बाईसा का बाज़ूबंद

और होकम के कमर का कंदोरा

ये सब एसेट हैं तुम्हारे

और मैं गमछे का बोझ भी

सह नहीं पा रहा हूँ

ट्रेन की खिड़की से बाहर

सारी स्मृतियाँ

अँधेरे के उस पार

खेतों में जलती हैं—

फ़सलों की तरह

मुझे जूतों के चोरी होने का डर नहीं लगता

इसलिए नंगे पैर हो जाना चाहता हूँ

सुनो,

एक बीजमंत्र है—

सबके लिए

हम शिव को ढूँढ़ने

नहीं जाएँगे कहीं

आत्मा को बुहारकर

पतंग बनाई जा सकती है

या कोई परिंदा

हालाँकि टिकट तुम्हारी जेब में है

फिर भी एस-1 की 11 नंबर सीट तुम्हारी नहीं

इसलिए तुम किसी भी

अँधेरे या अनजान प्लेटफ़ॉर्म पर उतर सकते हो

नींद एक धोखेबाज़ सुख है

तुम्हारी दूरी मुझे जगा देती है

समुद्री सतह से एक हज़ार मीटर ऊपर

इस अँधेरे में

मेरा हासिल यही है

जिस वक़्त इस अँधेरी सुरंग से ट्रेन

गुज़र रही है

ठीक उसी वक़्त

वहाँ समंदर के किनारे

तुम्हारे बाल हवा में उलझ रहे होंगे

इस शाम की

सँवलाई चाँदनी में बहता हुआ

तुम्हारे आँचल का एक छोर

भीग रहा होगा पानी में

डूबते सूरज की रौशनी में

तुम्हारी बाँहों पर

खारे पानी की तहें जम आईं होंगी

कुछ नमक

कुछ रेत के साथ

तुम चाँदीपुर से लौट आई होगी

और इस

तरह

तुम्हारे बग़ैर

मेरी एक शाम और गुज़र गई

स्रोत :
  • रचनाकार : नवीन रांगियाल
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए द्वारा चयनित
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

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‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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