Font by Mehr Nastaliq Web

मुझे मनुष्य नहीं बनना

mujhe manushya nahin banna

नीरव पटेल

अन्य

अन्य

नीरव पटेल

मुझे मनुष्य नहीं बनना

नीरव पटेल

जंतु बनकर जीना मंजूर है

मुझे मनुष्य नहीं बनना

मैं कम से कम इंद्रियों में काम चला लूँगा

मैं अमीबा बनकर जी लूँगा

मुझे नहीं चाहिए पंख

मुझे नहीं छूना आकाश

मैं पेट के बल सरकूँगा

साँप या छिपकली बनकर

चाहे आकाश में उड़ जाऊँ

घास या रजकण बनकर

अरे, मैं क्रूज़ो के टापू पर

फ्राइडे बनकर रह लूँगा

पर मुझे मनुष्य नहीं बनना

मुझे अस्पृश्य मनुष्य नहीं बनना

मुझे हिंदू मनुष्य नहीं बनना

मुझे मुस्लिम मनुष्य नहीं बनना।

स्रोत :
  • पुस्तक : गुजराती दलित कविता (पृष्ठ 108)
  • संपादक : अनुवाद एवं संपादन : मालिनी गौतम
  • रचनाकार : नीरव पटेल
  • प्रकाशन : साहित्य अकादेमी
  • संस्करण : 2022

संबंधित विषय

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए