महकता अँधेरा

mahakta andhera

प्रभात त्रिपाठी

प्रभात त्रिपाठी

महकता अँधेरा

प्रभात त्रिपाठी

 

एक

हैरत की दुनिया के भीतर 
कोई स्वर
महकते अँधेरे से उभरा
किसी वृक्ष का रूप धरकर

तो वह भी रुका
रोशनी से अलग हो
झुका, झुकती शाखों के नीचे
झरे पीले पत्तों के ऊपर
पड़े पाँव उसके

किसी ने पुकारा नहीं था
मगर क्यों
वो सुनता रहा नाम अपना
दुहरते
दिशाओं में उड़ती अजब धूल ने
आँख के पास आकर
दिखाया उसे रंग धूसर समय का

तो हैरत की दुनिया के भीतर
हवा-सी
कोई चीज़
उसके बदन भर टहलती
बनाने लगी एक तस्वीर मन की

वहाँ वह 
नहाने को उतरी नदी में
बढ़ा जल अचानक
हुई जमके बारिश
वो महुए के नीचे
रहा देखता
रात भर उसकी लीला

कभी काले पत्थर को गाना सुनाती
कभी नीले जल को हृदय से लगाती
कभी झरते केशों के मोती से
रचती सितारों की झिलमिल में
बिल्कुल अचानक
किसी स्वप्न के टूट जाने की गाथा

दो

वो हैरत की दुनिया से बाहर निकलकर
सुलगती हुई एक वीरानगी में
सिसकती हुई रेत पर चल रही थी
गरमी की दुपहर के तपते शहर में
ये उसका सफ़र 
अब भला क्यों है जारी
यही उसने पूछा
तो जाने कहाँ से
कोई स्वर उड़ा 
और उड़ाकर उसे
लाके पटका यहाँ
एक कमरे के घर में

वहाँ कोई हैरत न थी
बस हक़ीक़त 
गरमी की दुपहर की खटिया पे लेटी
किसी एक क़िस्से से मिलने को व्याकुल
कभी रो रही थी 
कभी गा रही थी

स्रोत :
  • रचनाकार : प्रभात त्रिपाठी
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

संबंधित विषय

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY