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इससे तो अच्छा था

isse to achchha tha

बोधिसत्व

अन्य

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इससे तो अच्छा था

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    इस जीवन से अच्छा था,

    मैं पैदल गाँव जा रहे किसी मज़दूर के

    नंगे पैरों का जूता हो जाता!

    या मैं एक राह भटके यात्री की प्यास का

    पानी हो जाता

    या एक धू-धू दुपहर में

    राख हो रही किसी बच्ची को घर पहुँचाने वाली

    बस या बैलगाड़ी हो जाता

    उसके घने घुँघराले बालों वाले सिर पर

    नन्हीं गोल टोपी हो जाता

    एक भूखी स्त्री के

    पेट भरने का अन्न हो जाता—

    उबला हुआ भुना हुआ या कच्चा अन्न!

    या उसके मलिन महावर वाले पैरों के नीचे

    हरी दूब हो जाता!

    जीवन ऐसे अकारथ जाए एकदम

    चूक जाए इस पृथ्वी पर आना

    इससे तो अच्छा था

    किसी झूठे शासक को बाँधने की

    बेड़ी हथकड़ी हो जाता!

    सड़क पर

    एक हुँकार हो जाता।

    इससे तो कहीं अच्छा था

    मैं किसी सरकार की चिता की

    लकड़ी हो जाता!

    धधक कर

    एक हाहाकार हो जाता।

    स्रोत :
    • रचनाकार : बोधिसत्व
    • प्रकाशन : कल्चर बुकलेट

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