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ईश्वर की संतानें

ishwar ki santanen

श्रीविलास सिंह

अन्य

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श्रीविलास सिंह

ईश्वर की संतानें

श्रीविलास सिंह

और अधिकश्रीविलास सिंह

    वे किसके बच्चे हैं

    नाम क्या है उनका

    कौन हैं इनके माँ-बाप

    कहाँ से आते हैं इतने सारे

    झुंड के झुंड,

    उन तमाम सरकारी योजनाओं के बावजूद

    जो अख़बारों और टी.वी. के

    चमकदार विज्ञापनों में

    कर रही हैं हमारे जीवन का कायाकल्प,

    कालिख और चीथड़ों से ढकी

    बहती नाक और चमकती आँखों वाली

    जिजीविषा की ये अधनंगी मूर्तियाँ

    जो बिखरी हुई हैं

    चमचमाते मॉल्स से लेकर

    गंधाते रेलवे प्लेटफ़ॉर्म्स तक,

    बदनाम गलियों की तंग चौखटों से

    भगवान के घरों की चौड़ी दालानों तक,

    अभिशप्त बचपन में ही

    बूढ़े हो जाने को,

    अनवरत संघर्षरत

    ढूँढ़ रही जीवन

    कूड़े के ढेर में

    किसी लापरवाह ईश्वर की अनचाही संतानें,

    हमारी नपुंसक संवेदना के गवाह

    क्या ये भी बच्चे हैं

    इंडिया के

    जो कि भारत है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : श्रीविलास सिंह
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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