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इस तरह मैं नकारा गया

is tarah main nakara gaya

रामकुमार तिवारी

अन्य

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रामकुमार तिवारी

इस तरह मैं नकारा गया

रामकुमार तिवारी

उसकी ज़ुबान थी

लेकिन वर्षों से वह बोला नहीं था

उसने आवाज़ नहीं दी थी

उसके कान थे

लेकिन वर्षों से उसने

कुछ सुना नहीं था

किसी ने कुछ कहा नहीं था

पिछली बारिश की बूँदों के निशान

उसकी देह पर थे

उसकी धरती थी

आकाश

वह रेलवे स्टेशन के ऑवर ब्रिज पर पड़ा

अपने में घुसा हुआ

ट्रेन पकड़ने की जल्दी में

वह मुझसे कुचल गया

पर उसने आँखें तक नहीं खोलीं

नहीं देखा

कौन कुचलते जा रहा है उसे

बस, थोड़ा और सिकुड़ गया

इस तरह मैं नकारा गया कि काँप गया

उसके लिए मेरे होने होने का

कोई अर्थ नहीं था

रास्ते में पड़ा वह आदमी

मुझे जीवन की तरह दिखा

चुनौती की तरह

मैं पुल पर स्तब्ध खड़ा-खड़ा

धड़धड़ाती ट्रेन से

इस तरह कटा कि मैं

उसके आधे हिस्से की तरह पड़ा था

स्रोत :
  • पुस्तक : कोई मेरी फ़ोटो ले रहा है (पृष्ठ 48)
  • रचनाकार : रामकुमार तिवारी
  • प्रकाशन : सूर्य प्रकाशन मंदिर
  • संस्करण : 2008

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