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हमारे दफ़न के पुरातत्व पर

hamare dafan ke puratatv par

अनुवाद : विष्णु खरे

गुंटर कुनेर्ट

अन्य

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गुंटर कुनेर्ट

हमारे दफ़न के पुरातत्व पर

गुंटर कुनेर्ट

और अधिकगुंटर कुनेर्ट

    बारिश और फिर बारिश

    युद्ध और फिर युद्ध

    एक दयालु एक निर्दय

    एक तरफ़ प्रकृति

    दूसरी तरफ़ मानव-निर्मित

    तीस साल के युद्ध के बाद

    एक गाड़ी आती है

    पुरानी पटरियों पर पहले की तरह

    खँडहर ग़ायब हो जाते हैं

    लेकिन उनके साथ दुनिया भी

    जैसी वह थी

    हम सचमुच कभी अपने व्यतीत से

    विदा नहीं लेते

    क्योंकि इसके पहले कि हम उसके पास पहुँचें

    वह उन बिंदुओं पर

    धूल और राख में बिखर जाता है

    जहाँ कोई उसे वर्तमान भी कह सकता था

    हम मृतकों को ख़ुशी से गले लगा लेते

    यदि उन पर पहले ही शब्दों से काम कर लिया गया होता

    शब्दों की लंबी लड़ियों से

    जो अब किसी भी आकार के

    मतलब के नहीं रह गए हैं

    यदि हम मरते हुए लोगों की आवाज़ों को

    थामे हुए होते तो हमारे कान

    उस तरह बहरे होते जैसे कि बोली से

    कभी-कभी चीज़ें

    अभेद्य होती हैं कभी-कभी काँच की तरह साफ़

    लेकिन किरमिचों की तरह

    उससे पहले कि वे हमें ज़ख़्मी करें

    और ख़ून बहने से हम मर जाएँ

    स्रोत :
    • पुस्तक : पुनर्वसु (पृष्ठ 255)
    • संपादक : अशोक वाजपेयी
    • रचनाकार : गुंटर कुनेर्ट
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
    • संस्करण : 1989

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