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क़ैदख़ाने में इब्राहीम का ख़्वाब

qaidkhane mein ibrahim ka khvaab

अनुवाद : सुरेश सलिल

नाज़िम हिकमत

अन्य

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नाज़िम हिकमत

क़ैदख़ाने में इब्राहीम का ख़्वाब

नाज़िम हिकमत

और अधिकनाज़िम हिकमत

    ख़्वाब में देखा मैंने अपनी महबूबा को,

    उसका पुरबहार सीना

    कमर से ऊपर खिसकती हुई वो हसीना

    जैसे कि बादलों के बीच चाँद।

    उसका हरकत में आना

    मेरा हरकत में आना,

    मेरा रुक जाना

    उसका रुक जाना।

    उसके आँसुओं का क़तरों की शक्ल में छलक आना

    और टपकना टेलीग्राफ़ के तारों पर।

    टेलीग्राफ़ का तार : ख़बर

    आँसू : आकस्मिक ख़ुशी।

    ख़्वाब-ब-ख़ैर! आमीन!

    इब्राहीम के हिस्से दस साल और हैं।

    स्रोत :
    • पुस्तक : देखेंगे उजले दिन (पृष्ठ 80)
    • रचनाकार : नाज़िम हिकमत
    • प्रकाशन : मेधा बुक्स
    • संस्करण : 2003

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