नाज़िम हिकमत की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1902 - 1963 | थेसालोनिकी
समादृत तुर्की कवि-लेखक। साम्यवादी और क्रांतिकारी मानवतावादी विचारधारा के लिए चिह्नित। आधुनिक तुर्की कविता में मुक्त छंद के प्रवर्तक।
समादृत तुर्की कवि-लेखक। साम्यवादी और क्रांतिकारी मानवतावादी विचारधारा के लिए चिह्नित। आधुनिक तुर्की कविता में मुक्त छंद के प्रवर्तक।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
रजिस्टर कीजिए