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दस के पाँच नोट

das ke panch not

अतुल तिवारी

अन्य

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अतुल तिवारी

दस के पाँच नोट

अतुल तिवारी

और अधिकअतुल तिवारी

    पहला नोट बिल्कुल ताज़ा है

    किसी बच्चे ने शायद

    इसे गुल्लक में रखा था

    पहली तारीख़ को

    पिता की तनख़्वाह मिलते ही।

    आज उसने अपनी

    गुल्लक फोड़ दी

    और इस नोट का सौंधापन भी

    समाप्त हो गया।

    दूसरा नोट गलने को है

    इसमें गांधी की आँखें

    ओझल है

    हो हो यह किसी मज़दूर का नोट है!

    इसमें गंध है

    प्याज़, रोटी और नमक की।

    मुट्ठी का भींचा नोट, कह रहा

    इसे जबरन लिया होगा

    थानेदार ने।

    तीसरा नोट अधफटा है

    आटे की बारीक लेई से—

    चिपकाया हुआ-सा

    यह किसी माँ का नोट है

    मुमकिन है आख़िरी भी

    जो दब कर फट गया हो

    आँचल की गाँठ में—

    या खींचातानी से।

    इसकी सिलवटों में छिपे हैं

    धैर्य के अवशेष।

    चौथा नोट

    साधारण नोट नहीं

    प्रेम-पत्र है

    एक पता लिखा है इस पर

    सिगरेट का जला यह नोट

    बयान है—फुँके हुए कलेजे का

    मुझे शक है कि यह

    अधूरा पता है।

    पाँचवें नोट पर लाल धब्बे हैं

    शायद ख़ून के, सिंदूर के!

    यह यात्रा का नोट है

    दानपेटी में रहकर

    किसी भिखारी से होते हुए

    कई बटुओं से बचते-बचाते

    अस्पताल की सैर से लौटकर

    मिल पड़ा मुझसे—लिफ़ाफ़े में

    शायद कोई मर गया हो इसे कमाने में!

    स्रोत :
    • रचनाकार : अतुल तिवारी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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