Font by Mehr Nastaliq Web

नीरो

niro

महमूद दरवेश

अन्य

अन्य

और अधिकमहमूद दरवेश

     

    लेबनान को जलते देखते क्या चल रहा है नीरो1 के दिमाग़ में?
    उसकी आँखें चमकती हुई दीवानावार, और उसकी चाल जैसे शादी
    के जश्न में कोई नाच रहा हो। यह दीवानगी मेरी दीवानगी है,
    मुझे बख़ूबी पता है, लिहाज़ा जलाने दो उन्हें उस सब कुछ को
    जो हमारी पकड़ से परे है। और बच्चों को सीखनी होगी तमीज़,
    बंद करना होगा चीख़ना-चिल्लाना मेरी रियाज़ के दौरान।

    और इराक़ को जलते देखते क्या चल रहा है नीरो के दिमाग़ में?
    क्या वह ख़ुश है जंगल की तारीख़ में दबी यादों के उभरने से,
    जिसमें उसका नाम हम्मुराबी2 और गिलगमेश3
    और अबू नुआस के दुश्मन के बतौर दर्ज है?
    मेरा क़ानूनो काइदा सभी क़ानूनो काइदा की माँ है।
    दाइयी (नित्य) ज़िंदगी का फूल हमारे मैदानों में खिलता है,
    और शाइरी... उसके क्या मा'नी?

    और फ़िलिस्तीन को जलते देखते क्या चल रहा है नीरो के दिमाग़ में?
    क्या उसे इस बात की ख़ुशी है कि उसका नाम पैग़ंबरों की फ़िहरिस्त में
    एक पैग़ंबर के बतौर दर्ज है, जिस पर पहले किसी ने यक़ीन नहीं किया
    ख़ूनी पैग़ंबर के बतौर, जिसे ख़ुदा ने आसमानी किताबों में बेतादाद ग़लतियों
    को दुरुस्त करने के साथ तैनात किया : मैं भी मुकर्रर हूँ खु़दा की तरफ़ से।

    और दुनिया को जलते देखते क्या चल रहा है नीरो के दिमाग़ में?
    मैं रोज़े-हश4 का मालिक हूँ। ...फिर वह हुक्म देता है : कैमरा बंद करो!
    —वह नहीं चाहता कि इस अमरीकी मूवी के अख़ीर में,
    कोई देखे कि उसकी उँगलियाँ जलती हुई आग पर हैं।

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 334)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : कवि के साथ अनुवादक सुरेश सलिल, कैथराइन कोहैम
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए