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सिनेमा पर कविताएँ

सिनेमा ऐसा कला-रूप है

जहाँ साहित्य, संगीत, अभिनय, नृत्य जैसे कलासिक कला-रूपों के साथ ही फ़ोटोग्राफी, एनीमेशन, डिजिटल एडिटिंग, ग्राफ़िक्स जैसे अन्य आधुनिक कला-रूप प्रतिबिंबित होते हैं। आधुनिक समाज और सिनेमा का अनन्य संबंध देखा जाता है, जहाँ दोनों एक-दूसरे की प्रवृत्तियों का अनुकरण करते नज़र आते हैं। इस चयन में सिनेमा विषयक कविताओं का संकलन किया गया है।

कोरस गायिका

आशुतोष दुबे

स्मिता पाटिल

दिनेश कुशवाह

मेरिलिन मनरो के लिए प्रार्थना

अर्नेस्तो कार्देनाल

फ़्रेंच सिनेमा

देवी प्रसाद मिश्र

सत्तर का दशक

व्योमेश शुक्ल

फ़िल्म

व्योमेश शुक्ल

समांतर सिनेमा

असद ज़ैदी

अभिनेता

विपिन कुमार अग्रवाल

नीरो

महमूद दरवेश

मैटिनी शो

आलोकधन्वा

हेलेन

दिनेश कुशवाह

रेखा

दिनेश कुशवाह

कबीर सिंह

आयुष झा

मीना कुमारी

दिनेश कुशवाह

सिनेमा

हरिओम राजोरिया

लोग कहते हैं

नीलेश रघुवंशी

दृश्य चलता रहे

राजेश शर्मा

स्पॅाट बॅाय

हरि मृदुल

शोले

सिद्धेश्वर सिंह

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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