महमूद दरवेश की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1941 - 2008 | अल-बिरवा
सुप्रसिद्ध फ़िलिस्तीनी कवि-लेखक। कविता में निर्वासन, मातृभूमि, अस्मिता, प्रेम और प्रतिरोध के स्वर के लिए चिह्नित।
सुप्रसिद्ध फ़िलिस्तीनी कवि-लेखक। कविता में निर्वासन, मातृभूमि, अस्मिता, प्रेम और प्रतिरोध के स्वर के लिए चिह्नित।