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एवंकार दिढ़ बाखोड़ मोड़िउ

ewankar diDh bakhoD moDiu

कण्हपा

अन्य

अन्य

कण्हपा

एवंकार दिढ़ बाखोड़ मोड़िउ

कण्हपा

एवंकार दिढ़ बाखोड़ मोड़िउ।

विविह विआपक बांधक तोड़िए॥

कालु विलसअ आसवमाता।

सहज नलिनीवन पइसि निविता॥ध्रुवपद॥

जिम जिम करिणा करिणिरें रिसअ।

तिम तिम तथा मअगल वरिसअ॥

छढ़गइ सअल सहावे सूध।

भावाभाव चलाग छुध॥

दशबलरअण हरिअ दशदिसें।

अविद्याकरिकुँ दम अकिलेसें॥

स्रोत :
  • पुस्तक : सहज सिद्ध : चर्यागीति विमर्श (पृष्ठ 56)
  • संपादक : रणजीत साहा
  • रचनाकार : कण्हपा
  • प्रकाशन : यश पब्लिकेशन्स
  • संस्करण : 2010

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