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ओलिवर गोल्डस्मिथ

1728 - 1774

ओलिवर गोल्डस्मिथ के उद्धरण

क़ानून निर्धन को पीसते हैं और धनवान क़ानून पर शासन करते हैं।

एक दार्शनिक के लिए कितनी भी क्षुद्र परिस्थिति गौण नहीं होती।

विराट प्रकृति ज्ञान की पुस्तक है।

मौन उसकी मातृ-भाषा हो गया है।

मैं हर उस वस्तु को प्यार करता हूँ जो पुरानी है (यथा) पुराने मित्र, पुराना ज़माना, पुराने तौर तरीक़े, पुरानी पुस्तकें, पुरानी पत्नियाँ।

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