Font by Mehr Nastaliq Web
noImage

भोलानाथ शर्मा

भोलानाथ शर्मा के उद्धरण

धन और स्त्री का प्रलोभन देकर मनुष्यों को पथभ्रष्ट कर तथा निर्बलों को बलपूर्वक अपने गिरोह में मिलाकर यह युग धर्म प्रचार की विडंबना करता है।

चरमोन्नति के पश्चात् होने वाली अवनति में परिस्थितियों के साथ सामंजस्य का अभाव ही कारणरूप होता है, पर इसके मूल में अक्षमता अथवा अयोग्यता नहीं, आत्मतोष से उत्पन्न आकांक्षा शून्यता रहती हैं।

Recitation