महावीर प्रसाद द्विवेदी के यात्रा वृत्तांत
उत्तरी ध्रुव की यात्रा-2
डॉक्टर कुक और कमांडर पीरी में तुमुल वाग्युद्ध हो रहा है। एक दूसरे को अपदस्थ करने की कोशिश में अपनी पूरी-पूरी शक्ति ख़र्च कर रहा है। तुम झूठे हो, तुम उत्तरी ध्रुव तक हरग़िज नही गए—इस प्रकार परस्पर एक दूसरे पर अभिशाप लगा रहा है। यूरोप और अमेरिका में दो
उत्तरी ध्रुव की यात्रा-1
पाठक जानते हैं कि पृथ्वी गोल है। पृथ्वी के गोले की तरफ यूरोप, एशिया और अफ़्रीका की पुरानी दुनिया और दूसरी तरफ़ अमेरिका की नई दुनिया है। दोनो गोलार्द्धों का ठीक 90 अंश पर है। वहाँ हमेशा बर्फ़ जमी रहती है। बर्फ़ के भयंकर तूफ़ान आया करते है, समुद्र जम कर
दक्षिणी ध्रुव की यात्रा-दो
पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी भागों को क्रम से उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव कहते हैं। ये देश बर्फ़ से सदा ढँके रहते हैं। वहाँ बारहों मास अत्यंत शीत रहता है। अतएव वहाँ मनुष्य का निवास प्रायः असंभव है। सभ्य देशों के निवासी इन दुर्गम देशों का हाल जानने के लिए
यमलोक का जीवन
उत्तरी ध्रुव की ओर तक अनेक साहसी यूरोपियन गए हैं। तत्संबंधी ज्ञान प्राप्त करने के लिए बहुत चेष्टाएँ हुई हैं, और अब तक हो भी रही हैं। उस वर्ष डाक्टर नानसन उत्तरी ध्रुव में बहुत दूर तक निकल गए। वहाँ तक और कोई नहीं गया था। अपने भ्रमण का वृतांत जो उन्होंने
दक्षिणी ध्रुव की यात्रा-एक
पिछले सौ वर्षों में यूरोप और अमेरिका के सैंकड़ों साहसी मनुष्यों ने उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव की यात्राएँ की हैं। उनमें से कितने ही लोग इन दुर्गम और भयंकर स्थानों में बहुत दूर तक गए हैं। वहाँ के अद्भुत दृश्यों का हाल भी उन्होंने लिखा है। कुछ दिन हुए लेफ़्टिनेंट
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere