आदिवासी पर बेला

दलित-विमर्श की तरह ही

आदिवासी-विमर्श भी हिंदी साहित्य और कविता में गए कुछ दशकों में प्रमुखता से उभरा है। प्रस्तुत चयन आदिवासी समाज को आधार बनाने वाली कविताओं से किया गया है।

11 जनवरी 2025

अरुणाचल के न्यीशी जीवन का स्मृति-राग

अरुणाचल के न्यीशी जीवन का स्मृति-राग

‘गाय-गेका की औरतें’ जोराम यालाम नबाम के अब तक के जीवन में संभव में हुए प्रसंगों के संस्मरण हैं। जिस जगह के ये संस्मरण हैं; उसकी अवस्थिति अरुणाचल प्रदेश के ठेठ ग्रामीण ज़िले लोअर सुबानसिरी में है। पुस्