पुनर्जन्म पर चौकड़ियाँ
भारतीय धार्मिक-सांस्कृतिक
अवधारणा में पुनर्जन्म मृत्यु के बाद पुनः नए शरीर को धारण करते हुए जन्म लेना है। यह अवधारणा अनिवार्य रूप से भारतीय काव्य-रूपों में अभिव्यक्ति पाती रही है। प्रस्तुत चयन उन कविताओं का संकलन करता है, जिनमें इस अवधारणा को आधार लेकर विविध प्रसंगों की अभिव्यक्ति हुई है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere