राम पर आलोचनात्मक लेखन
सगुण भक्ति काव्यधारा
में राम और कृष्ण दो प्रमुख अराध्य देव के रूप में प्रतिष्ठित हुए। राम की प्रतिष्ठा एक भावनायक और लोकनायक की है जिन्होंने संपूर्ण रूप से भारतीय जीवन को प्रभावित किया है। समकालीन सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों ने भी राम को कविता चिंतन का प्रसंग बनाया। इस चयन में राम के अवलंब से अभिव्यक्त बेहतरीन दोहों और कविताओं का संकलन किया गया है।
रामचंद्रिका के संबंध में कुछ ज्ञातव्य बातें
‘रामचंद्रिका’ की भाषा यद्यपि ब्रजभाषा है किंतु उसमे बुंदेलखंडी का पुट स्थान-स्थान पर मिलता है। जैसे— (1) राम देखि रघुनाथ, रथ ते उत्तरे वेगि दै। ‘शीघ्रता से’ के अर्थ में ‘वेगि दै’ बुंदेलखंडी प्रयोग है। ज़ोर के लिए ‘दे’ का प्रयोग राजस्थानी में भी देखा
कन्हैयालाल सहल
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere