प्रशंसा पर उद्धरण

quote

अपने मुँह से अपनी तारीफ़ करना हमेशा ख़तरनाक-चीज़ होती है। राष्ट्र के लिए भी वह उतनी ख़तरनाक है, क्योंकि वह उसे आत्मसंतुष्ट और निष्क्रिय बना देती है, और दुनिया उसे पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाती है।

जवाहरलाल नेहरू

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere