
किसी मक़सद के लिए मरने के लिए साहस की आवश्यकता होती है, लेकिन किसी उद्देश्य के लिए जीने के लिए भी साहस की आवश्यकता होती है।

मेरे इतने लोकप्रिय होने का कारण यह है कि मैं दूसरों को वह लौटाती हूँ जो उन्हें स्वयं में खोजने की आवश्यकता होती है।

मैं जितना बूढ़ा होता जा रहा हूँ, उतना ही आश्वस्त होता जा रहा हूँ कि मैं परम आवश्यक नहीं हूँ।

आप सिर्फ़ किसी चीज़ के ख़िलाफ़ ज़िद्दी नहीं हो सकते, आपको किसी चीज़ के पक्ष में भी ज़िद्दी होने की ज़रूरत है।

उन चीज़ों को भूलना आसान है, जिनकी आपको अब आवश्यकता नहीं है।

हमें चार चीज़ों की ज़रूरत है। हवा, पानी, रोटी और कपड़ा। दो चीज़ें भगवान ने मुफ़्त दी हैं। और जैसे रोटी घर में तैयार होती है, वैसे ही कपड़ा भी हमारे घर में बनना चाहिए।

काम पड़ने पर ही सबके वास्तविक स्वरूप का पता चलता है। बातचीत और कृति से ही रंक, क्षुद्र और राजा का पता चलता है।

इस पृथ्वी पर एक ख़ास तरह के आदमी हैं जो मानों फूस की आग हैं। वे झट से जल भी उठते हैं और फिर चटपट बुझ भी जाते हैं। उन लोगों के पीछे सदा-सर्वदा एक आदमी रहना चाहिए जो आवश्यकता के अनुसार उनके लिए फूस जुटा सके।

आवश्यकता कोई क़ानून नहीं जानती।

जब हम कुछ भी लेते हैं, तब दूसरों के मुँह से निकालते हैं। इसलिए हरेक चीज़ लेने के समय हम देखें कि आवश्यक चीज़ ही लें और आवश्यकता कम-से-कम रखें।

आवश्यकता के समान कोई गुण नहीं है।

तुम्हारा मित्र तुम्हारे अभावों की पूर्ति है।

अन्य बहुत से शास्त्रों का संग्रह करने की क्या आवश्यकता है? गीता का ही अच्छी तरह से गान करना चाहिए, क्योंकि वह स्वयं पद्मनाभ भगवान् के मुख कमल से निकली हुई है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere