घर पर पद

महज़ चहारदीवारी को ही

घर नहीं कहते हैं। दरअस्ल, घर एक ‘इमोशन’ (भाव) है। यहाँ प्रस्तुत है—इस जज़्बे से जुड़ी हिंदी कविताओं का सबसे बड़ा चयन।

पद-67

अष्टभुजा शुक्‍ल

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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